तारीख : 21 सितंबर, 2010
आज लाल किताब से:
"मददगार उपाय (लाल किताब 1952 सफा 151)
- रुह बुत के झगड़े की तरह ग्रह को रूह और राशी को बुत मानें , तो ग्रह फल के उपाय की इस इलम में गुँजाइश नहीं मानी गई,राशी या ग्रह या राशी/ग्रह फल के शक का इलाज और ग्रहों से धोके के ग्रह के धक्के से बच कर चलना इँसानी ताकत में माना गया है.बुध के ग्रह का हीरा (बहुत कीमती पत्थर) सब को काटता और मारता है मगर वह खुद उसी बुध की दूसरी निहायत नरम चीज कलई (टाँके लगाने वाली धात) उस हीरे में सूराख डाल देती है. इसी तरह ही पापी ग्रह सब ग्रहों पर अपना धक्का लगाते हैं, मगर उन को (पापी ग्रहों को) मारने के लिये खुद अपना ही पाप (लफज पाप से मुराद राहु-केतु हैं, पापी से मुराद सनिचर, राहु केतु तीनों ही हैं,यानि राहु के मँदे असर को केतु का उपाय दरुस्त कर देगा और केतु के मँदे असर को राहू का उपाय नेक कर देगा) महाँबली होगा. और पाप की बेड़ी भर कर डूबेगी.मुख्तसर तौर पर पापी ग्रहों का उपाय या उन ग्रहों की मुत्तलका चीजों की पालना करनी होगी. या उन की मुत्तलका चीजों से उन की आशीर्वाद या मुआफी ले लेना कारामद होगा. मसलन शुकर की मुतलका चीज गाय और आम इंसानी खुराक या सब अनाज मिले मिलाये मुकरर हैं. शुकर की मदद् के लिये गाय को अपनी खुराक का हिस्सा देवें. काग रेखा धन दौलत की हानि -सनिचर की मँदी निशानी की बकुवत कौवे को रोटी का हिस्सा देवें या औलाद के लिये दुनिया के दर्वेश कुत्ते को अपनी खुराक का टुकड़ा बख्शें. "
...निर्मल, एक ऐस्ट्रोस्टूडेंट
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